अनुक्रमांक
मिड डे मील योजना क्या है? दोस्तो आज के इस आर्टिकल में मिड डे मील योजना से जुड़ी जानकारी जानेंगे। मिड डे मील योजना सरकार द्वारा चलाई जानेवाली एक सरकारी योजना है.
इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों और दूसरे स्कूलों में बच्चों को मध्यान भोजन प्रदान किया जाएगा। इस योजना को केंद्र सरकार के अनुसार देश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है।
आज के इस आर्टिकल में जानेंगे की मिड डे मील योजना क्या है, मिड डे मील योजना का उद्देश्य क्या है, मिड डे मील योजना का फायदा और नुकसान क्या है और मिड डे मील योजना के तहत प्रदान किया जाने वाला भोजन से जुड़ी जानकारी जानी। Read: Startup India Kya Hai?
तो आइए जानते हैं मिड डे मील योजना से जुड़ी जानकारी हिंदी में…
मिड डे मील योजना भारत में एक स्कूली भोजन प्रोग्राम है जिसे देश भर में स्कूली उम्र के बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिड डे मील योजना प्रोग्राम श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है।
मिड डे मील योजना प्रोग्राम को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, स्थानीय निकाय, शिक्षा गारंटी योजना, और सर्व शिक्षा अभियान के तहत समर्थित मदरसा और मकतब, और राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्कूलों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए जिस दिन स्कूल शुरू रहती है उन दिवसों पर मुफ्त मध्यान भोजन प्रदान किया जाता है।
फिलहाल आज के समय में इस योजना के तहत 1.27 मिलियन से अधिक स्कूलों और शिक्षा गारंटी योजना केंद्रों में 120 मिलियन बच्चों की सेवा करने वाली, मध्याह्न भोजन योजना दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी योजना है।
मिड डे मील योजना सबसे पहले 1930 में फ्रांसीसी प्रशासन के तहत केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में शुरू की गई थी। इसके बाद स्वतंत्र भारत होने के बाद, मध्याह्न भोजन योजना पहली बार तमिलनाडु में शुरू की गई थी
जिसकी शुरुआत 60 के दशक के शुरुआत में पूर्व मुख्यमंत्री के. कामराज (K. Kamaraj) ने की थी और 2002 तक, मिड डे मील योजना भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत सभी राज्यों में लागू की गई थी
सितंबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस योजना का नाम बदलकर PM-POSHAN (प्रधान मंत्री पोषण शक्ति निर्माण) योजना कर दिया गया है, जो इस योजना के लिए नोडल मंत्रालय है। मिड डे मील योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 द्वारा कवर की गई है।
मिड डे मील योजना के उद्देश्य हैं:
इस योजना के तहत प्रति बच्चा प्रति स्कूल दिन में उपलब्ध कराई जाने वाली खाद्य सामग्री की मात्रा इस प्रकार है:
इसके अलावा प्रति बच्चे प्रति स्कूल दिन में निर्धारित कैलोरी की मात्रा इस प्रकार है:
मिड डे मील योजना स्कीम को 15 अगस्त, 1995 में स्टार्ट किया गया था और इस योजना प्रोग्राम को सबसे पहले 2000 से अधिक ब्लॉकों के स्कूलों में शुरू किया गया था। इसके बाद इस परीक्षण के सफल होने के बाद ही इस योजना को साल 2004 से पूरे देश में सभी सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना स्कीम लागू कर दिया था और फिलहाल हाल में भी यह योजना देश के सभी सराकरी स्कूलों में चल रही है।
मिड डे मील योजना स्कीम सभी सरकारी स्कूल के प्राइमरी, अपर प्राइमरी, सरकार सहायता स्कूल, स्थानीय स्कूल, शिक्षा गेरंटी योजना से जुड़े स्कूल, मदरसे और श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्कूल आदि में पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट को इस मिड डे मिल योजना स्कीम के तहत हररोज मुफ्त में मध्यान भोजन का लाभ मिलेगा।
मिड डे मील योजना के ऐसे कई फायदे हैं जो कोई भी बच्चा इस योजना से प्राप्त कर सकता है। कुछ प्रमुख लाभों में शामिल हो सकते हैं:
मिड डे मील योजना के कई नुकसान भी है, जिसके बारे में नीचे बताया है:
दोस्तो आज के इस आर्टिकल में मिड डे मील योजना के बारे में जानकारी जानी, जिसमे हमने जाना की मिड डे मील योजना क्या है, मिड डे मील योजना का उद्देश्य क्या है, मिड डे मील योजना के तहत प्रदान किया जाने वाला भोजन के बारे में और मिड डे मील योजना के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी जाना।
इस आर्टिकल “मिड डे मील योजना क्या है? Mid Day Meal Scheme कब शुरू हुआ?” में आपको मिड डे मील योजना से जुड़े सारी जानकारी मिल चुकी होगी। इस आर्टिकल से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल चुके होगे, फिर भी इस आर्टिकल को लेकर कोई सवाल है या कोई जानकारी शामिल करवाना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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