HTTP Vs HTTPS Difference क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

HTTP Vs HTTPS Difference क्या है - पूरी जानकारी हिंदी में

HTTP Vs HTTPS Difference क्या है

Http और Https क्या है, और Http से Https कैसे बेहतर है साथी Http और Https का इस्तेमाल कहां पर होता है और आपके लिए कौन सा सही रहेगा आज के इस लेख में यही जानेंगे कि Http and Https Difference in Hindi क्या होता है।

 

हम अपने जीवन में कुछ भी काम करते हैं तो सबसे पहले हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं जैसे हम अपनी सुरक्षा के लिए ड्राइविंग करते वक्त हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं।

 

बैंकों में पैसे जमा कर हमारे पैसे को सुरक्षित रखते हैं मोबाइल और लैपटॉप को वायरस से बचाने के लिए एंटी-वायरस का इस्तेमाल कर डिवाइस को सुरक्षित रखते हैं।

 

उसी तरह जब हम इंटरनेट का इस्तेमाल कर ब्राउज़र से कोई इंफॉर्मेशन सर्च करते हैं या ऑनलाइन पैसों का लेनदेन करते हैं तब हमारे डिवाइस और सरवर के बीच एक सुरक्षित कड़ी मौजूद रहती है और यही हमारी पर्सनल डाटा को किसी भी हैकर के नजरों से बचाकर रखती है उस कड़ी का नाम है HTTPS.

 

हम सभी इंटरनेट का प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं और आपने यह भी देखा होगा कि किसी भी वेबसाइट के Domain Address के पहले Http या Https लिखा होता क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इसका मतलब क्या है।

 



 

और क्या इस्तेमाल होता है इस आर्टिकल में हम आपको इसी विषय के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर हम आपको यह बताएंगे कि Http और Https क्या है और इन दोनों के बीच क्या Difference होता है Http and Https Difference in Hindi। तो सबसे पहले हम जानेंगे कि Http क्या होता है?

HTTP क्या है ? और कैसे काम करता है –

Http का पूरा नाम है – Hyper Text Transfer Protocol यह एक प्रकार का नेटवर्क प्रोटोकॉल है जो वर्ल्ड वाइड वेब यानी Www में उपयोग होता है। यहां पर प्रोटोकॉल नियम का Set होता है जो Browser और Server के बीच कम्युनिकेशन चैनल का कार्य करता है और दोनों के बीच डाटा ट्रांसफर के कार्य को नियंत्रित करता है।

 

जब हम वेब ब्राउज़र के Address Bar पर किसी एक वेबसाइट या ब्लॉग का Domain Name लिखते है जैसे हमने Facebook.com लिखा और उसके बाद जैसे ही हम Enter दबाते हैं तो अपने आप ही Browser के Web Address पर Http:// के साथ Domain name लिखा हुआ आ जाता है जैसे Http://Facebook.com.

 

जिसके बाद हमारा ISP Browser को Http के साथ Connect करने की अनुमति देता है, और जिस Server में उस Domain Name का Hosting रहता है Http Browser को उस Server के साथ Connect कर Domain Name से जुड़े सभी Data User को Screen पर दिखा देता है।

 

Server मैं सारे फाइल्स स्टोर रहते हैं और Clinte के Request के अनुसार ही Server Clinte को Response करता है, यहां पर हमारा वेब ब्राउजर एक Clinte की तरह काम करता है।

 

Web Browser और Server के बीच किसी भी प्रकार का डाटा ट्रांसफर होने पर इन्हें कुछ नियमों का पालन करना होता है और यह नियम Http Protocol द्वारा निर्धारित होते हैं।

 

Http – TPC Protocol का Port 80 इस्तेमाल करता है ताकि आसानी से Data package को Web में Send और Receive कर सके क्योंकि Http Port 80 का इस्तेमाल करता है इसलिए सुरक्षा बहुत ही कम रहती है जिससे कोई भी व्यक्ति Clinte और Server के बीच की Connection को तोड़ सकता है और डाटा की चोरी कर सकता है।

 

लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हर कोई इसको तोड़ सकता है, इसे तोड़ने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की अच्छी खांसी ज्ञान होना बहुत ज्यादा जरूरी है अगर आप किसी वेबसाइट पर आर्टिकल पढ़ते हैं या कहीं से गाने डाउनलोड करते हैं ऐसे इंफॉर्मेशन हैकर्स के हाथ लगने पर आपको कोई हानि नहीं होगी।

 

अगर बात Email Id Login, Net Banking यह पैसे का लेनदेन से जुड़ा हो जिसमें id और पासवर्ड का उपयोग होता है अगर संवेदनशील जानकारी हैकर्स के हाथ आ जाए तो आप को भारी नुकसान हो सकता है, तो चलिए जान लेते हैं Https क्या होता है।

HTTPS क्या है ? और कैसे काम करता है –

Https का पूरा नाम है – Hyper Text Transfer Protocol Secured Https भी वही सारे काम करता है जो Http करता है, लेकिन Https Protocol मैं शक्तिशाली सुरक्षा तकनीक मिलता है, Https – Http का सुरक्षित और आधुनिक Version है क्योंकि इसमें SSL यानी Secure Socket Layer का इस्तेमाल होता है।

 

जिसका काम Browser और Server के बीच encrypted From में डाटा ट्रांसफर करना होता है SSL तकनीक RSA एल्गोरिदम पर आधारित होता है जहां पर SSL में एक Public key और एक Private Key का उपयोग होता है।

 

Public Key का उपयोग इंफॉर्मेशन को encrypted करने के लिए और Private Key का उपयोग इंफॉर्मेशन को decrypt करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

 

Https connection मैं सारी डाटा को cryptography के द्वारा encrypted कर दिया जाता है यानी एक ऐसे फॉर्मेट में बदल दिया जाता है जिसे बिना decryption key के Dcode कर पाना मुश्किल हो जाता है और इसी तरह ट्रांसफर हो रहे सेंसेटिव डाटा या इंफॉर्मेशन को सुरक्षित रखा जाता है।

 

Https से डाटा काफी सिक्योर रहता है क्योंकि वह इंक्रिप्टेड फॉर्म में होता है जिसे हैक कर पाना मुश्किल हो जाता है अगर किसी अगर किसी हैकर ने इंफॉर्मेशन को हैक भी कर लिया हो तो वह इंक्रिप्टेड फॉर्म में ही रहेगा जिससे उन डाटा को अपने काम में लाने के लिए हैकर को डाटा डिक्रिप्शन करना होगा जो थोड़ा मुश्किल काम है।

 

यही वजह है कि मनी ट्रांसफर या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए जितने भी वेबसाइट से हैं वह Https करेक्शन का इस्तेमाल करते हैं ताकि यूजर्स का डाटा सुरक्षित रहें।

 



 

आपने किसी वेबसाइट के Url के शुरुआत में Https : // लगा हुआ देखा होगा इसका मतलब यह है कि आपका जैसा SSL के जरिए सुरक्षित किया गया है ऐसे Url के सामने हरे रंग का लॉक आइकन के साथ Secure लिखा हुआ दिखाई देता है।

 

Http vs Https में अंतर क्या है ? Http and Https Difference in Hindi

1.अंतर –

 

  • HTTP :- यह एक ऐसा तकनीक है जिसकी मदद से यूजर्स का इंफॉर्मेशन Hyper Text मैं जाता है यानी प्लेन टेक्स्ट में जाता है जिसे हैक करना संभव है।
  • HTTPS :- यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जिसकी मदद से यूजर्स का सारा इंफॉर्मेशन इंक्रिप्ट किया जाता है और इस इंफॉर्मेशन को हैकर हैक नहीं कर सकते।

 

2.अंतर –

 

  • HTTP :- Http का Url Http:// होता है।
  • HTTPS :- Https का Url Https:// के साथ शुरू होता है।

 

3.अंतर –

 

  • HTTP :- Http कनेक्शन पोर्ट Proxy Server Port 80 को सपोर्ट करता है।
  • HTTPS :- Https Proxy Server SSL Protected Port 443 को सपोर्ट करता है इसीलिए Http से Https ज्यादा सुरक्षित है।

 

4.अंतर –

 

  • HTTP :- Http द्वारा ऑनलाइन बैंकिंग या ऑनलाइन शॉपिंग करना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।
  • HTTPS :- लेकिन Https का उपयोग अक्सर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के सुरक्षा के लिए किया जाता है, कई ब्लॉग्स या स्कूल कॉलेज की वेबसाइट जो इंफॉर्मेशन शेयर करने के लिए बनाई जाती है वह Https का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

5.अंतर –

 

  • HTTP :- Http मैं किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती इसीलिए ये Free होता है और आसानी से किसी भी वेबसाइट में Add हो जाता है।
  • HTTPS :- Https एक Paid सर्विस है इसे इस्तेमाल करने के लिए SSL सर्टिफिकेट की जरूरत होती है।

 

निष्कर्ष :-

 

अंत में हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि कभी भी आप किसी ऐसी Website में अपनी निजी जानकारी जैसे की Email Id और Password या Credit, Debit Card की जानकारी ना डालें जिन वेबसाइट के आगे केवल Http लगा हो।

 

क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो आप बड़ी ही आसानी से किसी हैकर के द्वारा हैक हो सकते हैं जो आपके पर्सनल डिटेल्स को चोरी कर सकता है, इसलिए हमेशा सतर्कता के साथ इंटरनेट पर काम करिए और अपने आप को सुरक्षित रखिए।

 

उम्मीद है कि आपको Http और Https क्या है? और उनके Http और Https के बीच में क्या अंतर है (Http and Https Difference in Hindi) इसके बारे में पता चल गया होगा।

 

और हम यह भी उम्मीद करते हैं कि आप जिस भी वेबसाइट को Surf करेंगे उसके आगे लगे हुए Https के महत्व को समझ पाएंगे और जान पाएंगे उस वेबसाइट पर अपनी पर्सनल डिटेल्स डालनी है या नहीं।

 

[su_box title=”Guest Author Bio” style=”bubbles” box_color=”#e023f8″]नमस्कार, में Sanu Kumar, Hinditrends.Com का Author & Founder हूं, Education के मामले में Electrical Engineer हूं, और मुझे लिखना बहुत पसंद है।[/su_box]

Deepak Singh: नमस्ते, मेरा नाम दीपक सिंह हैं और मैं यहां सभी प्रकार की जानकारियां शेयर करता हूं। मैं यहां Latest Tech News, About Internet, Tips & Tricks और Blogging से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियो को शेयर करता हूं, आप मुझ से किसी भी तरीके की सहायता के लिए कॉन्टैक्ट फॉर्म  के जरिए संपर्क कर सकते हैं।