CD Kya Hai? CD Ka Full Form Kya Hai?

CD Kya Hai? CD Ka Full Form Kya Hai?
CD का प्रयोग कभी ना कभी जरूर किया होगा। क्या आप सीडी के बारे में जानते हैं कि आखिरकार Cd kya hai, cd ka full form क्या होता है। इस आर्टिकल में हम सीडी के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे।

 

आज के समय में टेक्नोलॉजी जिस तेजी से बदल रहा है उसी बदलाव के साथ कई सारे टेक संबंधी प्रोडक्ट का आविष्कार होकर उनके स्थान पर कोई दूसरे नए प्रोडक्ट उपयोग में लाए जा रहे हैं।

 

उन्हीं में से एक है कॉम्पैक्ट डिस्क जो पिछले कुछ सालों से इनका इस्तेमाल काफ़ी हम हो गया है लेकिन अभी भी कई जगह पर इनका इस्तेमाल किया जाता है अगर 90 में पैदा हुएं हैं। >> Torrent Kya Hai? यह कैसे काम करता हैं?

 

तो दावे के साथ कह सकते हैं की आपने Compact Disc का इस्तेमाल जरुर किया होगा लेकिन क्या आपने कभी इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश की है। आज हम इस आर्टिकल में कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) क्या है।

 

इसके इतिहास और फायदे नुकसान इत्यादि के बारे में जानेंगे तो देर किस बात की आइये जानते हैं कॉम्पैक्ट डिस्क के बारे में विस्तार से।

 

CD Kya Hai?

एक कॉम्पैक्ट डिस्क एक पोर्टेबल स्टोरेज माध्यम है जिसका उपयोग डिजिटल रूप में ऑडियो, वीडियो और अन्य डेटा को रिकॉर्ड करने, स्टोर करने और पुन: उपयोग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क के अंदर डाटा को डिजिटल तरीके से 0 और 1 के फॉर्म में स्टोर किया जाता है कॉम्पैक्ट डिस्क में डाटा को लेज़र बीम की मदद से डाला जाता है।

 

CD ka Full Form Kya Hai?

सीडी का फुल फॉर्म कॉम्पैक्ट डिस्क (Compact Disc)  होता है।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) का कैपिसिटी और फिजिकल स्ट्रक्चर

एक स्टैण्डर्ड सीडी में 72 मिनट का संगीत या 650MB डेटा स्टोर करने की कैपेसिटी से लेकर  80 मिनट तक का ऑडियो या  700MB तक का डाटा स्टोर किया जा सकता है।

 

अगर हम एक स्टैण्डर्ड सीडी के फिजिकल स्ट्रक्चर की बात करें तो 4.7 इंच या 120 मिलीमीटर (मिमी) चौड़ाई, 1.2 मिमी मोटी होती है, जिसका वजन 15 ग्राम और 20 ग्राम के बीच होता है।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क किस से बना होता है?

सीडी को बनाने के लिए पॉलीकार्बोनेट कहे जाने वाले प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है। कॉम्पैक्ट डिस्क के सबसे नीचले सतह जहाँ पर डाटा को डाला जाता है उसे पॉलीकार्बोनेट सतह कहा जाता है।

 

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अगर आपने सीडी का इस्तेमाल किया होगा तो गौर किया होगा की सीडी की एक ओर की सतह काफ़ी ज्यादा चमकीली होती है उस चमकीली सतह को एलुमिनियम से बनाया जाता है इसके सबसे उपरी सतह को सेफ्टी के लिए प्लास्टिक से बनाया जाता है।

 

Compact Disc के प्रकार

कॉम्पैक्ट डिस्क मुख्य तौर पर तीन प्रकार के होते हैं।

 

  1. CD-R (Compact Disc – Recordable) इस प्रकार की कॉम्पैक्ट डिस्क में  केवल एक बार लिखा जा सकता है और मिटाया नहीं जा सकता है।
  2. CD-ROM (Compact Disk-Read Only Memory) इसमें स्टोर गए डाटा को  को आसानी से बदला या अलग से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता । यह केवल पढ़ने की अनुमति देता है।
  3. CD-RW (Compact Disc-ReWritable) इस प्रकार की कॉम्पैक्ट डिस्क में  डाटा को कई बार डाला और मिटाया जा सकता है बिल्कुल पेन ड्राइव की तरह।

 

CD में डाटा को स्टोर कैसे किया जाता है?

सीडी में डाटा को 0 और 1 यानी की बाइनरी भाषा में स्टोर किया जाता है। डाटा को स्टोर करने के लिए लॉ और हाई इंटेंसिटी के साथ लेज़र बीम का प्रयोग किया जाता है।

 

सीडी में हाई इंटेंसिटी लेज़र बीम छोटे छोटे गड्ढे बना देती है हाई इंटेंसिटी से बने गड्ढे बाइनरी भाषा के 1 को दर्शता है और लो इंटेंसिटी बाइनरी 0 को दर्शाता है।

 



इस तरह से सीडी में डाटा को स्टोर किया जाता है उम्मीद है सीडी में डाटा स्टोर कैसे किया जाता है इसके बारे में विस्तार से जान गए होंगे।

 

सीडी कैसे काम करता है?

आपने कॉम्पैक्ट डिस्क ( सीडी ) क्या है और इसके फुल फॉर्म इत्यादि के बारे में आइये अब जानते हैं की आखी कॉम्पैक्ट डिस्क यानी की सीडी कार्य कैसे करता है।

 

सीडी को अपना कार्य करने के लिए अपने साथी सीडी प्लेयर की आवश्यकता होती है। यह सीडी प्लेयर की मदद से अपना कार्य करता है।

 

सीडी प्लेयर के अंदर एक छोटा लेज़र बीम और एक इलेक्ट्रॉनिक लाइट डिटेक्टर होता है। जब हम सीडी प्लेयर को ऑन करते हैं तो इसके अंदर का मोटर तेज़ी से सीडी को घुमाने लगता है और सीडी प्लेयर के अंदर लेज़र बीम ऑन हो जाता है।

 

और सीडी को स्कैन करना शुरू कर देता है और फिर इलेक्ट्रॉनिक लाइट डिटेक्टर डाटा को 0 और 1 के फॉर्म डिटेक्ट करना शुरू कर देता है। इस तरह से सीडी और सीडी प्लेयर मिलकर हम तक डाटा को दिखाते हैं उम्मीद है आप सीडी कैसे काम करता है समझ गए होंगें।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क के फायदे

 

  • सीडी की कीमत सस्ती है।
  • पोर्टेबल होने के कारण आसानी से कही भी लाया ले जाया जा सकता है।
  • सीडी लंबे समय तक के लिए टिकाऊ होती है।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क के नुकसान

  • सीडी पर आसानी से स्क्रैच लगना।
  • Read -Write करने की गति धीमी होती है।
  • डाटा स्टोर करने की कैपेसिटी कम होती है।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क की सबसे बड़ी कमी यह है की इसमें आसानी से स्क्रैच, खरोंच लग जाते हैं जिन्हें रिपेयर किया तो जा सकता है लेकिन उसमे स्टोर किये गए डाटा को नुकसान पहुंचता है। आइये अब हम इसके इतिहास पर नज़र डालते हैं।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) का इतिहास

आज के समय में हम लोग ऑनलाइन गाने सुनते हैं लेकिन इससे पहले  गाने, वीडियो को स्टोर करने  का सबसे अच्छा स्टोरेज डिवाइस बन गया था।

 

पहली व्यावहारिक डिजिटल कॉम्पैक्ट डिस्क अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जेम्स रसेल द्वारा 1960 दशक के अंत में आविष्कार किया गया था।

 

जेम्स रसेल 1966 में लेजर, डिजिटल रिकॉर्डिंग और ऑप्टिकल डिस्क प्रौद्योगिकियों के संयोजन से बने उत्पाद के लिए एक पेटेंट दाखिल करने वाले पहले व्यक्ति थे।

 

इसके बाद Philips Electronics और  Sony Corp. ने 1980 के दशक में इस तकनीक के लाइसेंस खरीदे। पहली व्यावसायिक कॉम्पैक्ट डिस्क 1982 में जारी की गई थी।

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पहला सीडी प्लेयर,  CDP-101 सबसे पहले 1982 में व्यावसायिक रूप से जारी किया गया था, और  दुनिया भर में उपयोग किया जाने लगा। Philips Electronics और  Sony Corp. के स्वामित्व वाले कारखानों में शुरुआती कॉम्पैक्ट डिस्क बनाई गई थी।

 

CD का भविष्य कैसा होगा?

जैसा की हमने शुरू में बताया टेक्नोलॉजी जिस तेजी से बदल रहा है उसी तेजी से कई नये डाटा स्टोर करने के माध्यम विकसित होते जा रहें हैं अगर हम सीडी की बात करें तो इसे अन्य डाटा स्टोर करने के माध्यम ने इसे भुत पीछे छोड़ दिया है।

वर्ष 2010 के समय से कॉम्पैक्ट डिस्क के उपयोग में काफ़ी ज्यादा गिरावट देखने को मिली हैं ।

अगर हम सीडी के भविष्य के बारे में बात करें तो हमारे अनुसार सीडी का भविष्य अंधकारमय दिखाई देता है।

आइये अब हम कॉम्पैक्ट डिस्क (CD) से सम्बंधित कुछ सामान्य सवाल और उनके जवाब के बारे में जानते हैं जो अक्सर दिमाग में आते हैं।

 

कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) क्या है?

एक कॉम्पैक्ट डिस्क एक पोर्टेबल स्टोरेज माध्यम है जिसका उपयोग डिजिटल रूप में  डाटा को  स्टोर करने और पुन: उपयोग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

 

सीडी की फुल फॉर्म क्या है?

सीडी का फुल फॉर्म कॉम्पैक्ट डिस्क ( Compact Disk )होता है।

 

सीडी का आविष्कार किसने किया?

कॉम्पैक्ट डिस्क सीडी का आविष्कार अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जेम्स रसेल ने 1960 में किया।

 

सीडी का आविष्कार कब हुआ?

कॉम्पैक्ट डिस्क सीडी का आविष्कार 1960 में हुआ।

 

CD की भण्डारण क्षमता कितनी होती है?

एक स्टैण्डर्ड कॉम्पैक्ट डिस्क में 650MB से लेकर 700MB तक का डाटा स्टोर किया जा सकता है।

 

आज के इस आर्टिकल में हमने Cd kya hai? Cd ka full form kya hai in hindi और सीडी के इतिहास इत्यादि के बारे में विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं। यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

 

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  • Compact disk की बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए धन्यवाद , 700 MB तक के डेटा कलेक्शन में हम लोंगों ने सन 1995 हजार से 2008 तक बहुत सी फ़िल्म देखीं है CD और CD प्लेयर के प्रयोग द्वारा इसके पहले BCR और BCP का चलन था सन 1995 तक जिसमे कैसेट लगती थी।

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